<p style="text-align: justify;"><strong>नई दिल्ली:</strong> आज के इस दौर में सोशल मीडिया एक ऐसा प्लेटफॉर्म बन चुका है जहां लोग कुछ भी अपलोड करने के साथ अपने मन की बात और भड़ास दोनों निकाल सकते हैं. लेकिन कई बार यही लोग अपने पोस्ट किए गए वीडियो या लिखे हुए टेक्स्ट की वजह से पचड़े में फंस जाते हैं. इसी बात को ध्यान में रखते हुए अब कई देशों के बॉर्डर सिक्योरिटी ऑफिशियल्स लोगों के ऑनलाइन प्रोफाइल पर नजर रख रहें हैं. इसका मकसद सिर्फ इतना है कि सोशल मीडिया पर कोई हेट स्पीच को बढ़ावा न मिले और न ही कोई व्यक्ति अतिवादी संगठन के साथ जुड़े.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>अमेरिका में है कड़े कानून</strong></p> <p style="text-align: justify;">अमेरिका की अगर बात करें तो उनके ऑफिशियल्स के पास ये अधिकार है कि वो आपका इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस देख और चेक कर सकते हैं जिसमें सेल फोन और लैपटॉप जैसी चीजें आती हैं. ग्लोबल लॉ फर्म बेरी ऐपलमैन ऐंड लीडन (BAL) की ओर से जारी किए गए वाइट पेपर के मुताबिक अमेरिका में 2017 में सीमा अधिकारियों द्वारा 30,200 इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज को चेक किया गया, जो बीते साल के मुकाबले 58 फीसदी अधिक है.</p> <p style="text-align: justify;">साल 2015 में यही ऑकड़ा 8500 केस का था. जो रोजाना बढ़ता चला गया. 31 मार्च तक की अगर बात करें तो साल 2018 के पहले 6 महीनों में कुल 15000 सर्च किए गए. हालांकि इसमें एक बात देखी गई कि जितने भी लोग अमेरिका देश में गए या वहां से बाहर आए बॉर्डर पर उनके सेल फोन को चेक किया गया.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>अधिकारी कर सकता है आपका फोन और लैपटॉप चेक</strong></p> <p style="text-align: justify;">बेरी ऐपलमैन ऐंड लीडन यानी की BAL कंपनियों को ये निर्देश देता है कि ऐसे समय में उसके कर्मचारियों को पूरी तरह से तैयार रहने के लिए कहा जाता है. लेकिन कई बार ऐसा होता है जब किसी का स्मार्टफोन चेक करते वक्त सामने वाला इंसान कुछ समझ नहीं पाता और हमला कर देता है. अमेरिका के नियम के मुताबिक बिना वॉरेंट वाले अधिकारियों को सिर्फ फोन में मौजूद डेटा को ही सर्च करने का अधिकार है. बॉर्डर के अधिकारी क्लाउड या किसी और चीज को सर्च नही कर सकते. हालांकि यात्रियों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि वो जब भी कहीं सफर कर रहें हो वहां कम डिवाइस लेकर जाएं या फिर सारा डेटा डिलीट कर दें.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>सोशल मीडिया की वजह से हो सकता है आपका वीजा रिजेक्ट</strong></p> <p style="text-align: justify;">BAL के डायरेक्टर ब्रेंडन का कहना है कि एप्लिकेशन को चेक करते वक्त एप्लिकेंट के सोशल मीडिया अकाउंट पर नजर डाला जाता है और अगर अकाउंट में एप्लिकेशन में दिए गए पति- पत्नी के फोटो के अलावा किसी और की फोटो ज्यादा दिखी तो एप्लिकेंट को ऑफिसर सवाल- जवाब के लिए बुला सकते हैं. और फिर उस व्यक्ति को एक पेपर पर पूरा विवरण देना पड़ता है.</p> <p style="text-align: justify;">व्यक्ति अगर वीजा, वर्क पर्मिट और रेसिडेंसी के लिए कहीं भी अप्लाई करता है तो उसके सोशल मीडिया को देखकर उसका ऐप्लिकेशन रिजेक्ट हो सकता है. तो वहीं इसमें ये भी कहा गया है कि अगर कोई भी व्यक्ति सोशल मीडिया पर अपने अकाउंट की मदद से किसी भी प्रकार की आपत्तिजनक कमेंट या पोस्ट करता है तो उसके अकाउंट को देख उसका वीजा और ऐप्लिकेशन दोनों रिजेक्ट किया जा सकता है. अधिकारियों ने लोगों से कहा है कि अगर वो अपना वीजा रिजेक्ट देखना नहीं चाहते हैं तो उन्हें सोशल मीडिया पर कुछ भी पोस्ट करने से पहले सोचना पड़ेगा जिससे उनका ऐप्लिकेश रिजेक्ट न हो.</p>
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