सबसे पहले प्रात: सामान्य पूजा, यज्ञ करें. यज्ञ करने के बाद ही कन्या पूजन होता है. आज लाल रंग के वस्त्र पहनकर पूजा करें. लाल रंग का धागा भी पहन सकते हैं. किसी भी रूप में लाल रंग का प्रयोग होना चाहिए. आज चौथे अध्याय का पाठ करें. संस्कृत
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